भोपाल, 22 मार्च। देश में उर्दू पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। आजादी के आंदोलन से लेकर भारत के नवनिर्माण में उर्दू के पत्रकारों एवं उर्दू पत्रकारिता ने अपना योगदान देकर एक बड़ा मुकाम बनाया है। आज जबकि देश की तमाम भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता प्रगति कर रही है और अपने पाठक वर्ग का निरंतर विस्तार कर रही है किंतु उर्दू पत्रकारिता इस दौड़ में पिछड़ती दिख रही है।
नए जमाने की चुनौतियों और अपनी उपयोगिता के हिसाब से ही भाषाएं अपनी जगह बनाती हैं। ऐसे में उर्दू पत्रकारिता के सामने क्या चुनौतियां हैं, वह किस तरह स्वयं को संभालकर आज के समय को संबोधित करते हुए जनाकांक्षाओं की पूर्ति कर सकती है- इन प्रश्नों पर बातचीत बहुत प्रासंगिक है।
पिछले पांच सालों से सतत प्रकाशित देश की चर्चित मीडिया पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ अपना अगला अंक ‘उर्दू पत्रकारिता का भविष्य’ पर केंद्रित कर रही है। इस अंक के अतिथि संपादक प्रख्यात उर्दू पत्रकार एवं लेखक श्री तहसीन मुनव्वर होगें। उम्मीद है इस बहाने हम उर्दू पत्रकारिता के भविष्य और वर्तमान को सही तरीके से रेखांकित किया जा सकेगा। इस अंक के लिए लेखक अपनी रचनाएं 15 अप्रैल,2011 तक भेज सकते हैं। अंक से संबंधित किसी जानकारी के लिए पत्रिका के कार्यकारी संपादक संजय द्विवेदी के फोन नंबर-09893598888 अथवा उनके ई-मेल 123dwivedi@gmail.com पर बातचीत की जा सकती है। संजय द्विवेदी का पता है- संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, प्रेस काम्पलेक्स, एमपी नगर, भोपाल-462011
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